वायुराशियों (Air Masses) की परिभाषा और वर्गीकरण कीजिए। अथवा, वायुपुंज के विभाजन को प्रस्तुत करें। अथवा, वायु राशियों की उत्पत्ति की परिस्थितियों एवं मुख्य प्रकारों का वर्णन कीजिए।

वायु राशि वायुमण्ड का वह सघन भाग है जो भौतिक गुणों के कारण क्षैतिज रुप में एक समान होता है। वायु राशि के इस सघन भाग का गुण है इसकी तापमान और आर्द्रता की अवस्था में समानता। अपनी पुस्तक ‘Weather Analysis and Forecasting’ में Petterson ने वायु-राशि को इस प्रकार परिभाषित किया है-

“वायु-राशि वायु का एक वृहद भाग है जो अपने भौतिक गुणों मुख्यतः तापमान और आर्द्रता में क्षैतिज रुप से कमोबेस एक समान होता है।” इस प्रकार यह स्पष्ट है कि वायु राशि वायुमण्डल का विस्तीर्ण भाग है और जिसकी भौतिक विशेषताएँ प्रत्येक स्तर पर लगभग समान होती हैं।

वायु की भौतिक गुणों की यह विशेषता धरातल के समानता वाले क्षेत्र में ही हो सकती है। क्योंकि असमान धरातलीय क्षेत्रों में तापमान और आर्द्रता की दशाएँ समान नहीं हो सकती। सम्पूर्ण जलीय भाग या सम्पूर्ण स्थलीय भाग के ऊपर क्षैतिज प्रत्येक स्तर पर इनके विशेष गुणों में असमानता नहीं होती।

स्थल भाग या समुद्री भाग के ऊपर जब एक बार वायु-राशि का विकास हो जाता है, तो वह अधिक समय तक उस स्थान पर स्थिर नहीं रह पाती। यह दूसरे स्थान पर पहुँचकर वहाँ के तापमान और आर्द्रता में परिवर्तन ला देती है। धीरे-धीरे इसमें भी परिवर्तन होने लगता है। वायु-राशि के उत्पत्ति-क्षेत्र में अभिसरण होने पर वायु में तापमान सम्बन्धी विषमता आ जाती है। वायु की क्षैतिज गति अपसरण के रुप में होने पर वायु राशि का विकास होता है। वायु-राशि की उत्पत्ति के लिए यह आवश्यक है कि इसके उत्पत्ति स्थल क्षेत्र में प्रति चक्रवातीय व्यवस्था हो।

वायु-राशियों की उत्पत्ति निम्न क्षेत्रों में मुख्य रूप से होती है-

(i) भू-मध्यरेखीय क्षेत्र: यह प्रदेश अधिक उपोष्ण कटिबन्धीय वायु-क्षेत्र में भूमध्य रेखा की ओर समस्त संसार को घेरे हुए है। इस प्रदेश में पवनें दक्षिण दिशा की ओर चलकर ऊष्ण सागरों पर फैल जाती हैं और दक्षिण गोलार्द्ध से आयी व्यापारिक पवनों के सम्पर्क में आती है।

(ii) मानसूनी क्षेत्र : यह क्षेत्र एशिया के दक्षिण में स्थित है। इस क्षेत्र में शीतकालीन पवन पायी जाती है जो बहुत ही मन्द गति से चलती है। इस प्रदेश तथा दक्षिणी संक्रामी प्रदेश में बहुत ही समानता पायी जाती है।

(iii) उष्ण कटिबन्धीय महाद्वीपीय क्षेत्र यह प्रदेश शीतकाल में उत्तरी अफ्रीका तक सीमित रहता है, परन्तु ग्रीष्मकाल में यह अफ्रीका, एशिया और संयुक्त राज्य अमेरीका के विस्तृत भागों पर फैला रहता है।

(iv) उष्ण कटिबन्धीय समुद्री क्षेत्र इस प्रदेश के मुख्य क्षेत्र में पूर्वी प्रशान्त महासागर तथा पूर्वी अन्ध महासागर। इन क्षेत्रों के तापमान में अन्तर नहीं होता।

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